21 August, 2015

कुण्डलियॉं: वर्तमान सरकार, लग रही है हम सबकी

कुण्डलियॉं

सबकी अपनी ताल है, सबका अपना साज़ ।
रजनीचर के राज में, उल्लू के सर ताज़ ।।

उल्लू के सर ताज़, कोई तो अब बचाये,
कैसी कैसी बात, राहुल बाबा बताये,

कहे 'हिन्द' कविराय, बात करता हूं अबकी,
वर्तमान सरकार, लग रही है हम सबकी ।

रचनाकार: हिमांशु भावसार 'हिन्द'
इंदौर

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