15 August, 2015

दोहे : भारत की गाथा लिखूं, बढती जाये पीर ।।

India Bharat Hind Doheहिन्द के दोहे


लिखने को दोहे अभी, मैं भी हुआ अधीर ।
भारत की गाथा लिखूं, बढती जाये पीर ।।

गॉंधी नेहरु लिख गये, कैसी ये तकदीर ।
जो देखूं इतिहास को, बढती जाये पीर ।।

कभी हुए आजाद से, भगतसिंह से वीर ।
आज हनी सिंह छा गया, बढती जाये पीर ।।

देख सको तो देख लो, भारत की तस्वीर ।
कहता है ये 'हिन्द' यहॉं, बढती जाये पीर ।।

हिमांशु भावसार 'हिन्द'
इंदौर (म.प्र.)

No comments:

Post a Comment