मातृ शक्ति को नमन करते हुये बेटियों पर चार पंक्तियाँ
गर्भ में ही मार कर, पाप मत कीजिये
कन्यादान महादान, होता आया जग में तो,
बेटियों के खून वाला, घूँट मत पीजिये
बेटियाँ पढाओ और, बेटियाँ बचाओं वाला,
जन-जन अब यह, पुण्य काम कीजिये
करता हूँ आहवान, बच जाये हर प्राण,
गर्भ में न बेटियों का, खून होने दीजिये
हिमांशु भावसार 'हिन्द'
इंदौर (म.प्र.)