आज की युवा पीढ़ी देखो, करती कैसी नादानी
इक ही दिन का प्यार जताकर, बनती फिरती दीवानी
काश के उनको कोई भी ये, बात अगर समझा पाता
छोड़ हनी सिंह को फिर देखो, गीत भगतसिंह के गाता
मैं नहीं रोकूँगा तुमको, यारों खुलकर प्यार करो
प्यार करो पर तुम कुछ ऐसा, सबका तुम उद्धार करो
मात पिता भाई बहनों के, सपनों को साकार करो
कोई नज़र उठने न पाये, दुश्मन पे तुम वार करो
राष्ट्रयज्ञ की बलिवेदी भी, देख तुम्हे गर्वायेगी
कोने कोने से फिर जनता, गीत तुम्हारे गायेगी
Kya kavita hai!!! Zabardast!!!
ReplyDeleteThanks :)
Deleteवाह्ह्ह
ReplyDeleteआधुनिकरण होते युवाओं को संदेशप्रद व सीखाती रचना
बहुत बहुत बधाई हो
सादर धन्यवाद बंधुवर
Deleteआपका स्नेह यूं ही बना रहे
congrats bandhu
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