22 January, 2016

जलहरण-घनाक्षरी : देश पे उठेगी वह, आँख फोड़ देंगे हम

jalharan ghanakshari kavi indore


जलहरण-घनाक्षरी
(८-८-८-८ अंत लघु-लघु)

शोणित शिराओं में हैं, बल अब बाहों में हैं,
फिर तोपों का भी अब, मुख मोड़ देंगे हम.

गर पाक सीमा पार, शत्रु भेजे लगातार,
भ्रम उसका भी फिर, अब तोड़ देंगे हम.

चार फुटिये चीनी भी, दिखा रहे दम ख़म,
कैसे फिर उसको भी, यूं ही छोड़ देंगे हम.

गर आया अमरीका, उसे फिर देंगे दिखा,
देश पे उठेगी वह, आँख फोड़ देंगे हम ।।

Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'
झाबुआ-इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894

No comments:

Post a Comment