Himanshu Bhawsar 'Hind' | हिमांशु भावसार "हिन्द"
A Nationalist Poet | एक राष्ट्रवादी कवि
09 December, 2015
घनाक्षरी | देश मेरा देखो किस राह पे चला गया
एक युग ऐसा भी था, मंदिर में रहीम था,
और वहीं राम ईद-गाह पे चला गया
बंटा मेरा देश फिर, बने नेहरू वजीर,
गाँधी जिन्ना वाले शहंशाह पे चला गया
फिर नहीं दिन फिरे, नेताओं से हम घिरे,
लाव लशकर वाली चाह पे चला गया
लालच में फंसकर, गर्त में ही धँसकर,
देश मेरा देखो किस राह पे चला गया
-
हिमांशु भावसार 'हिंद'
झाबुआ-इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894
2 comments:
pritesh preet
December 09, 2015 4:24 pm
Kya baat he bhai sahab
Reply
Delete
Replies
Himanshu Bhawsar Hind
December 10, 2015 1:32 pm
जय हो
Delete
Replies
Reply
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Kya baat he bhai sahab
ReplyDeleteजय हो
Delete