21 December, 2015

ग़ज़ल : भारती का भाल झुकता, हम यहां क्या कर रहे



Hind Bharat Bhagat India


पंख से केवल परिंदा, दूर तक उडता नहीं
हौंसला भी चाहिये फिर, वो कभी रूकता नहीं ।१।

आज आओ हम करे प्रण, चल पडे उस राह पर,
क्रांतिकारी राह कोई, क्यों भला चुनता नहीं ।२।

भारती का भाल झुकता, हम यहां क्या कर रहे,
क्यों भगत सा वीर अब तो, देश ये जन'ता नहीं ।३।

जब तलक गद्दार नेता, राज करते ही रहे,
दे रहा इतिहास ताने, भूल वो सकता नहीं ।४।

'हिन्द' की सुन लो कही ये, फिर नहीं दोहरायेगा,
बात करने भर से ही तो, हल निकल सकता नहीं ।५।

Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'
झाबुआ-इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894

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