जहाँ से जुदा है, मुहब्बत हमारी
तुम्हें प्यार करना, है आदत हमारी ।१।
खुदा को न मानूं, न मूरत को पूजूं
तुम्ही बन गये हो, इबादत हमारी ।२।
न धर्मों रिवाजों, समाजो को मानूं
जमाना कहे ये, बगावत हमारी ।३।
मुहब्बत का मुल्जिम, तुम्हीं ने बनाया
तुम्हीं कर दो अब तो, जमानत हमारी ।४।
मुझे फिर नज़र से, नहीं तुम गिराना
कहीं मर न जाये, ये चाहत हमारी ।५।
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