17 March, 2016

गीत : लाल हरे नीले पीले सब, रंग बसे है होली में

Holi Rang Panchmi Indore India


लाल हरे नीले पीले सब, रंग बसे है होली में
निकल पड़ी है सारी पलटन, अपनी अपनी टोली में

सुबह सवेरे से ही सारे, घर से बाहर आते है
फागुन वाले गीत अनोखे, ऊँचे सुर में गाते है
गली मोहल्ले में तो लगता, होली का हुड़दंग है
रंग गुलाल उड़ाते देखो, होते मस्त मलंग है
वो देखो दादाजी भी, दादी को रंग लगाते है
देख के उनको हँसते बच्चे, छड़ी दिखा भगाते है
देखो कैसा मज़ा है यारों, भांग की छोटी गोली में
लाल हरे नीले पीले सब, रंग बसे है होली में

काले पीले चेहरे लेकर, सबके सब हँसते जाते
लाल गुलाल मुंह लेकर, बन्दर रूप नज़र आते
वो देखो तो काले रंग में, लगता भूत समान है
तरह तरह के रंगों में रंग, समझे अपनी शान है
तरह तरह की आवाज़ें है, तरह तरह की बोली में
लाल हरे नीले पीले सब, रंग बसे है होली में

देवर भाभी का रिश्ता भी, होली के संग रंग जाता
सजनी को साजन का रंगना, मन ही मन में है भाता
प्रेम चढ़े परवान सदा ही, रंगों के त्यौहार में
तन बदन भीग जाता देखो, पानी की बौछार में
नववधू भी रंगना चाहे, हल्दी कुमकुम रोली में
लाल हरे नीले पीले सब, रंग बसे है होली में

ऊँच नीच का भेद मिटाता, रंगों का त्यौहार है
जीत यहाँ होती है सबकी, नहीं किसी की हार है
आओ होली की अग्नि में, सभी पाप जला डाले
नफ़रत कहीं नहीं रह पाये, प्रेम हृदय में बस पाले
कड़वी बातों को बिसराकर, मधुता लाये बोली में
लाल हरे नीले पीले सब, रंग बसे है होली में

Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'
इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894

10 March, 2016

ग़ज़ल : तुम्हें प्यार करना है, आदत हमारी

Mohabbat gazal prem love


जहाँ से जुदा है, मुहब्बत हमारी
तुम्हें प्यार करना, है आदत हमारी ।१।

खुदा को न मानूं, न मूरत को पूजूं
तुम्ही बन गये हो, इबादत हमारी ।२।

न धर्मों रिवाजों, समाजो को मानूं
जमाना कहे ये, बगावत हमारी ।३।

मुहब्बत का मुल्जिम, तुम्हीं ने बनाया
तुम्हीं कर दो अब तो, जमानत हमारी ।४।

मुझे फिर नज़र से, नहीं तुम गिराना
कहीं मर न जाये, ये चाहत हमारी ।५।

Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'
इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894

08 March, 2016

गीत : बेटी की रक्षा करें, ये देवी का रूप होती है

बेटी की रक्षा करें, ये देवी का रूप होती है
इनका कोई पर्याय नहीं, ये अनमोल अनूप होती है
इन्हें मत मारो गर्भ में, और न ही शोषण करो
ये गर्मियों की छांव, और सर्दियों की धूप होती है

खेल कूद में आगे बढती, ये साईना नेहवाल है
रक्षा करने पर जब आती, ये झांसी की ढाल है
लता आशा श्रेया के रूप में, ये सुर की सरिता है
ये सुभद्रा कुमारी के छंद, महादेवी की कविता है

सुनीता है, कल्पना है, ये अंतरिक्ष से बातें करती
आईपीएस किरण बेदी भी, शत्रुओं से नहीं डरती
इंदिरा-प्रतिभा भी है ये, देश का ये सम्मान है
पन्ना धाय ने भी बेटे का, यहाँ दिया अनुदान है

कंधे से कंधा मिलाकर, हर पल ये आगे बढती है
दुराचार की घटनाओं से, आगे आकर लडती है
इन्हें मत मारो गर्भ में, और न ही शोषण करो
इनका कोई पर्याय नहीं, ये अनमोल अनूप होती है
ये गर्मियों की छांव, और सर्दियों की धूप होती है
ये देवियों का रूप होती है.......

Beti Bachao Women Day

Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'
इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894

02 March, 2016

ग़ज़ल : तुम्हारी प्रीत को अक्सर, ग़ज़ल में हम सजाते है

radif gazal prem love


तुम्हारी प्रीत को अक्सर, ग़ज़ल में हम सजाते है,
तुम्हारे प्यार के नगमें, भरी महफ़िल में गाते है ।१।

जमाने ने दिये लाखों, मगर मैं उफ्फ नहीं करता,
तुम्हारे होंठ मेरे जख्म पर मरहम लगाते है ।२।

रदीफ़े काफ़िया बहरे, तरन्नुम भी नहीं जानू,
फ़कत तुमको ही जानू मैं, तुम्हीं से रिश्ते नाते है ।३।

समंदर पार जाकर भी, कभी तन्हां न हो पाया,
तुम्हारी याद को बेशक, सदा दिल में ही पाते है ।४।

अभी इक याद की हिचकी, मुझे आई यहाँ यारों,
कहीं वो याद करती हो, चलो महफ़िल से जाते है ।५।


Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'
इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894