26 February, 2016

हास्य घनाक्षरी : मेचिंग के हेलमेट

Helmet Safety Traffic Police Indore


कल मिला पडोसी से, मैने पुछा हाल चाल,
बोले एक समस्या का, हल तो बताईये

ट्राफिक पुलिस वाले, बना रहे है चालान,
हेलमेट पहन के, कह रहे आईये

मैने कहा हेलमेट, सर को सुरक्षा देता,
भाभीजी के लिये भी तो, हेलमेट लाईये

बोले समस्या यही तो, बीवी मुझे कह रही,
मेचिंग के सारे हेलमेट दिलवाईये

Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'
इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894

25 February, 2016

घनाक्षरी छंद : देश के लिये जनाब, जीना सीख लीजिये



ईराक ईरान और, सुनो पाक अफगान,
कहता है मक्का क्या मदीना सीख लीजिये

तिरंगे को फाडते हो, तुम काशमीर में क्यों,
गरीबों के कपडो को, सीना सीख लीजिये

नफरत फैलाते हो, जहर भी पिलाते हो,
दो दो घूंट प्रेम के तो, पीना सीख लीजिये

ज़ेहादी बने हुये हो, बम बाँधे क्यों खडे हो,
देश के लिये जनाब, जीना सीख लीजिये

Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'
झाबुआ-इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894

11 February, 2016

डमरू घनाक्षरी : सहज सरल मन, मम तव बचपन



सहज सरल मन, मम तव बचपन
करत रहत जब, मन भर हरकत

इधर उधर जब, भटक भटक कर
गरज बरस कर, घर पर फटकत

सनन सनन सन, घनन घनन घन,
बहक बहक मन, इत उत भटकत

करत मनन जब, लडक लड़कपन
नयन भरत जल, टप टप टपकत

-हिमांशु भावसार

10 February, 2016

गीत : प्रीत की पंखुडी अब महकती नहीं, साँस दे जाओ फिर से महक जायेगी



प्रीत की पंखुडी अब महकती नहीं
साँस दे जाओ फिर से महक जायेगी,
इक चिडिया यहाँ मन में चुपचाप है
गीत दे जाओ फिर से चहक जायेगी
प्रीत की पंखुडी अब महकती नहीं...

||१||
आज भी याद है अपना पहला मिलन
शर्म से वो पलक को झुकाना तेरा,
होंठ चुपचाप थे धडकने तेज थी
फिर इशारों में मुझको बुलाना तेरा,

सुर्ख अधरो को जब इन लबों ने छुआ
शहद वाली सुराही छलक जायेगी
इक चिडिया यहाँ...........
गीत दे जाओ फिर..........

||२||
रश्मियाँ सूर्य की, चाँद की ज्योत्स्ना
रूप यौवन को तेरे सजाती रही
लाल जोडे में जब, तू बनी थी दुल्हन
शर्म भी देख तुझको लजाती रही

तेरी डोली उठी, देखता मैं रहा
तेरे संग में तेरी हर झलक जायेगी
इक चिडिया यहाँ...........
गीत दे जाओ फिर..........

||३||
हो गया है समय दो दिलो को मिले
प्रेम की इक अनोखी कहानी रही,
झुर्रियाँ आ गई हो भले ही मगर
आज भी दिल में पलती जवानी रही,

सुप्त अंगार अब भी मेरे दिल में है
दो हवा आग फिर से दहक जायेगी
इक चिडिया यहाँ...........
गीत दे जाओ फिर..........

||४||
यात्रा पर चले, प्राण अंतिम डगर
तेरी यादें भी संग में मेरे जायेगी
स्वर्ग से अब मुझे, लेने आये है वो
तू नहीं आई है, तू नहीं आयेगी

एक निवेदन करूं, अब न आना यहाँ
मौत भी राह से फिर बहक जायेगी
इक चिडिया यहाँ...........
गीत दे जाओ फिर..........


प्रीत की पंखुडी अब महकती नहीं
साँस दे जाओ फिर से महक जायेगी,
इक चिडिया यहाँ मन में चुपचाप है
गीत दे जाओ फिर से चहक जायेगी


Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'

झाबुआ-इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894

02 February, 2016

कविता : वैलेंटाइन डे स्पेशल

Valentine Day Indore India
आज की युवा पीढ़ी देखो, करती कैसी नादानी
इक ही दिन का प्यार जताकर, बनती फिरती दीवानी
काश के उनको कोई भी ये, बात अगर समझा पाता
छोड़ हनी सिंह को फिर देखो, गीत भगतसिंह के गाता

मैं नहीं रोकूँगा तुमको, यारों खुलकर प्यार करो
प्यार करो पर तुम कुछ ऐसा, सबका तुम उद्धार करो
मात पिता भाई बहनों के, सपनों को साकार करो
कोई नज़र उठने न पाये, दुश्मन पे तुम वार करो

राष्ट्रयज्ञ की बलिवेदी भी, देख तुम्हे गर्वायेगी
कोने कोने से फिर जनता, गीत तुम्हारे गायेगी

 

Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'

झाबुआ-इंदौर (म.प्र.)

+91-88270-89894