04 January, 2016

कविता : अच्छे दिन अब आएंगे


Narendra Modi Achche Din

काश कि जनता भूखी प्यासी, और नहीं रहने पाये
सत्ता भी लोभी की दासी, और नहीं रहने पाये
काश गरीबों और नंगों के, कपडे फिर से सिल जाये
काश किसानों के मुरझायें, चेहरे फिर से खिल जाये

काश पेट में कोई बेटी, और नहीं मरने पाये
दहेज़ की खातिर कोई बेटी, और नहीं जलने पाये
जात-पात मज़हब के झगडे, और नहीं होने पाये
काश कराची की छाती पर, अमर तिरंगा लहराये

जिस दिन घाटी में मिलकर सब, वन्दे मातरम् गाएंगे
उस दिन सबसे मैं कह दूंगा, अच्छे दिन अब आएंगे
उस दिन सबसे मैं कह दूंगा, अच्छे दिन अब आएंगे

Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिंद'
ओज कवि (राष्ट्र चिंतन)
झाबुआ-इंदौर (म.प्र.)
+91-88270-89894

Narendra Modi Achche Din

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