30 September, 2016

आतंकी को मारा हमने, अब अगली तैयारी है




कई दिनों से खबर चली थी, ये कैसी लाचारी है
सत्ता के हाथो में मोदी, ने क्यों चुप्पी धारी है

माह सितम्बर की थी उन्नीस, जब आतंकी आये थे
भारत की धरती पर फिर से, खूनी बादल छाये थे

पर देखो सेना ने फिर से, अपना जौहर दिखा दिया
आतंकी को आज अनोखा, अपना तेवर दिखा दिया

निंदा करने वाली देखो, अब ऐसी सरकार नहीं
बंदूको के मुंह न खोले, ये इतनी लाचार नहीं

सुन लो पाकिस्तानी चूजो, तेरा काम नहीं होगा
ख़ामोशी जो तोड़ी अबके, तेरा नाम नहीं होगा

ये है छप्पन इंची सीना, अब जमके गुर्राया है
पीओके में जाकर अब तो, देखो सबक सिखाया है

न समझो अभिमन्यु हमको, जो छल से मर जाता है
अर्जुन की शक्ति है हम में, व्यूह भेदना आता है

भारत की सेना दुश्मन पर, पड़ती अब तो भारी है
आतंकी को मारा हमने, अब अगली तैयारी है

-हिमांशु भावसार 'हिंद'
झाबुआ-इंदौर (म.प्र.)

20 September, 2016

कविता : सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं, देश नहीं झुकने दूंगा



सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं, देश नहीं झुकने दूंगा
देश नहीं झुकने दूंगा मै, देश नहीं रूकने दूंगा

पर अब हमको ये बातें तो, केवल जुमले लगते है
फूल कमल के अब तो सारे, केवल गमले लगते है

हमने जब सत्ता सौंपी थी, ये उम्मीद लगाई थी
तुमने भी भारत रक्षा की, आशा एक जगाई थी

कहाँ गये वो सारे वादे, ये कैसी लाचारी है
मन की बातों के आगे क्यों, दिखती अब गन भारी है

लव लेटर लिखने वाली भी, बात कही थी जब तुमने
अस्मिता की लाज बचानी, बात कही थी जब तुमने

जिस भाषा में दुश्मन समझे, वैसे ही समझा आओ
दो के बदले दस शीशों को, काट यहाँ पर तुम लाओ

पर अब तो छप्पन इंची का, सीना गायब दिखता है
दृश्य सामने दिखता है वो, 'हिंद' यहाँ पर लिखता है

हर आतंकी हमला होता तब, गीत रूदाली गाते हो
साडी के बदले में फिर तुम, बिरयानी दे आते हो

याद करो चाणक्य कहानी, बिखरे शिखा केशो को
संधि वंधि भूल भाल कर, फाडो अध्यादेशो को

बहुत हो चुका अब सेना को, सीमा पर बढ जाने दो
गद्दारों की छाती पर तुम, सेना को चढ जाने दो

गर इतना ना कर पाये तो, चुल्लू में डूब मर जाना
अगले आम चुनावों में फिर, वोट माँगने मत आना

-हिमांशु भावसार 'हिंद'
झाबुआ-इंदौर (म.प्र.)

गीत : मेक इन इंडिया वाला परचम, आ लहराओ भारत में

Make in India Modi


सुनो सुनो ऐ दुनिया वालो, अब तो आओ भारत में
मेक इन इंडिया वाला परचम, आ लहराओ भारत में

ये है अपनी पावन धरती, कल कल गंगा बहती है
धानी चुनर ओढे धरती, और सम्पदा रहती है
खडा हिमालय मुकुट है जिसका, सागर पाँव पखारे है
मेक इन इंडिया लेकर भारत, आया द्वार तुम्हारे है
तुम्हें सुविधा सभी मिलेगी, आकर देखो भारत में
मेक इन इंडिया वाला परचम......

मेहनतकश है यहाँ की जनता, दुनिया को दिखलाना है
तकनीकों से आगे बढते, सबने ये भी माना है
यहाँ पर आओ यहीं बनाओ, यहीं से तुम निर्यात करो
उत्पादन की बढेगी क्षमता, ऐसी कोई बात करो
कलपुर्जो व्यापारों को तुम, अब तो लाओ भारत में
मेक इन इंडिया वाला परचम......

युवा जोश है युवा सोच है, युवा शक्ति देखो तो
पीएम मोदी जी की आकर, भारत भक्ति देखो तो
सारी दुनिया को हम माने, अपना ही परिवार यहाँ
वैज्ञानिकों ने भी पाया, हर बातों का सार यहाँ
मेक इन इंडिया मेक इन इंडिया, संग अब गाओ भारत में
मेक इन इंडिया वाला परचम......




Himanshu Bhawsar Hind Jhabua Indore-हिमांशु भावसार 'हिन्द'
इंदौर (म.प्र.)

+91-88270-89894