24 October, 2016

असली दिवाली-स्वदेशी दिवाली

*असली दिवाली-स्वदेशी दिवाली*
Asli Diwali Swdeshi Diwali


कार्तिक अमावस की रात फिर आई है
झिलमिल रोशनी अपने संग में लाई है
जगमग हुआ संसार दीपमालाओं संग
देश भर में दिवाली की बँट रही मिठाई है 

पर इन खुशियों में भी,
ध्यान हमें ये रखना होगा
चीनी वस्तुओं को त्यागकर,
स्वाद स्वदेशी चखना होगा

स्वदेश में निर्मित वस्तु का ही,
आओ हम उपभोग करे
सस्ते चीनी सामानों का अब,
मिलकर दूर मनोरोग करे

भारत वर्ष की जनता जब मिल,
गीत स्वदेशी गायेगी
मिट्टी के दियों से जब फिर,
दिवाली की रोशनी छायेगी

गरीबों के चेहरों पर जिस दिन,
हँसी खुशी आ जायेगी
सही मायनों में तब ही तो,
असली दिवाली मन पायेगी

-हिमांशु भावसार
इंदौर (म.प्र.)

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